अंजलि सिंह, सरगुजा
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर केंद्रीय जेल में बंद विचाराधीन महिला बंदी सोमवार की रात अपने नवजात बच्चे को लेकर अंबिकापुर मेडिकल अस्पताल से फरार हो गई।
इसके बाद जेल प्रबंधन में हडक़ंप मच गया। इधर सुरक्षा में लापरवाही पाए जाने पर जेल अधीक्षक ने महिला जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया है। दरअसल महिला बंदी देर रात टॉयलेट जाने के नाम पर बच्चे को लेकर निकली थी, इसके बाद से उसका पता नहीं चला। पुलिस ने अपराध दर्ज कर उसकी खोजबीन शुरु कर दी है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम आरागाही निवासी पूजा गुप्ता पति ऋषिकेश गुप्ता 23 वर्ष फरवरी माह में अवैध कफ सिरप के साथ पकड़ी गई थी। इस दौरान वह 2 माह की गर्भवती थी। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत उसे गिरफ्तार कर रामानुजगंज जेल में भेज दिया था।
गर्भावस्था को देखते हुए फरवरी माह में ही उसे सेंट्रल जेल अंबिकापुर शिफ्ट कर दिया गया था। महिला का केस रामानुजगंज कोर्ट में विचाराधीन है। इसी बीच 22 अगस्त को उसे प्रसव पीड़ा हुई तो सेंट्रल जेल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। 24 अगस्त को ऑपरेशन से उसने बच्चे को जन्म दिया था।
8 माह में ही डिलीवरी होने के कारण बच्चा प्री-मेच्योर था। ऐसे में उसे एसएनसीयू में रखा गया था। 9 सितंबर को नवजात को उसकी मां को सौंपा गया था। रात 12.30 बजे उसे बच्चे की मालिश करते देखा गया था। इसके बाद से वह अस्पताल से बच्चे के साथ गायब हो गई।
रात करीब 2 बजे महिला बंदी की सुरक्षा में तैनात महिला जेल प्रहरी ने उसे बेड पर न देख उसकी खोजबीन शुरु की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसके बाद उसने जेल प्रबंधन को इसकी सूचना दी। महिला प्रहरी ने बताया कि वह टॉयलेट जाने के नाम पर बच्चे को लेकर रात करीब 1 बजे निकली थी।
महकमे में मचा हड़कंप
महिला बंदी के बच्चे के साथ फरार होने की घटना से जेल महकमे में हडक़ंप मच गया। फिर अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, लेकिन महिला का पता नहीं चल सका। इधर सुरक्षा में लापरवाही पाए जाने पर सेंट्रल जेल के अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्रिय ने महिला जेल प्रहरी को निलंबित कर दिया है।